बायो सावर्ट का नियम किसे कहते है(Bio Savart’s law in hindi) चुम्बकीय पारगम्य, शीलता
बायो सावर्ट का नियम किसे कहते है(Bio Savart’s law in hindi):
ओर्स्टेड का प्रयोग के बारे में आप तो पढ़े चुके हो जब किसी कुंडलिया परिपथ में धारा को प्रवाहित किया जाता है तो उसके चारों तरफ चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न हो जाता है ऐसा इस महोदय ने कहा जैसा कि आपने पढ़ चुका है
तथा इस क्षेत्र की रेखाएं संकेंद्रित बृत्ति के रूप। में होते है
जब संपूर्ण चालक के कारण किसी बिंदु पर चुंबकीय क्षेत्र ज्ञात करना होता है तब चालक को छोटे छोटे टुकड़ों में काट कर सभी अंश के कारण इस बिंदु चुंबकीय क्षेत्र ज्ञात किया जाता है उसके बाद में सम्पूर्ण चालक का ज्ञात करने के लिए उन सभी को जोड़ दिया जाता है
ऐसी प्रकार बायो सावर्ट ने एक छोटे चालक के छोटे टुकड़े पर अध्ययन किया था और अध्ययन से प्राप्त की हुआ निष्कर्षण नियम के रूप के प्रतुत कर दिया गया जिसे बायो सावर्ट का नियम कहा जाता है
हम एक तार को मानते जिसमे धारा परवाह हो रही है चालक के अल्पांश dl से r दूरी पर एक बिंदु p सिथित है जिस पर आपको चबकीय क्षेत्र की गणना करनी है अब उसके बाद मान p बिंदु पर चुम्बकीय क्षेत्र dB है तो हम सबसे
पहले यंहा अल्पांश यानी की छोटे टुकड़े के dl की दिशा धारा के दिशा में maan रहे है
बायो सावर्ट ने छोटे टुकड़ों यानी कि अल्पांश dl के कारण उत्पन्न चबकीय क्षेत्र dB ज्ञात करने के बारे बताया गया था
1. DB का मान चालक में जो भी बिद्युत धरा प्रवाहित हो रही है उसके समानुपाती होती है
dB niyataank 1
2. Chumbakiy kshetr tivrata dB ka maan alpansh ke saman paati hota hai
dB niyat…. Dl hota hai
3. r तथा अल्पांश दल के बीच बने कोंण को समानुपाती होता है
dB niyata…Sine थीटा होता है
4. अल्पांश dl तथा बिंदु p के बीच की दूरी रके वर्ग के व्युत्क्रमपाती होता है
dB niyata….. 1/r2
अतः इसे सम्मलित रूप से देखा जाए तो
या
यंहा u/4π समानुपाती स्थिरांक है जिसका मान 10 के pwar -10 होता है N/ A2 होती है
मिउ नाट को निर्वात की चुम्बक शीलता या चुम्बकीय पारगम्य कहते है
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